बेसिलडन हाउस : इंगलिश हिन्दुस्तान
हरे पन्ने सी हरियाली में पैदल मार्च पर चलते हुए हमें ‘शहद से भीगे’ रंग वाला बाथ स्टोन पत्थर का विशाल भवन बेसिल इन पार्क हाउस दिखा। हम इंगलैंड के रेडिंग क्षेत्र में थे जहां 400 एकड़ की वुडलैंड में यह शानदार महाराजा जोर्ज शैली में निर्मित भवन स्थित है। बेसिलडन पार्क हाउस की अपनी निजी यात्रा भी लम्बी है जो 18वीं शताब्दी के परिवार-गृह से होकर एक वीरान-घर और फिर 1950 शतक का फैशनेबल पुन: रचित घर तक पहुंचती है। आज हम यहां एक अतिरिक्त कारण से भी आए थे। काफी समय में बेसिलडन-पार्क हाउस में विश्व प्रसिद्ध अंग्रेजी टी.वी. सीरियल डाउनटन एैबी की शूटिंग चल रही थी। बेसिलडन पार्क हाउस को सीरियल की लोकप्रिय क्रोटली परिवार का लंदन स्थित ग्रेनथम हाउस के रूप में दिखाया गया है। इस सीरियल के लंदन गह के सभी दृश्य असल में यहां बेसिलडन पार्क में फिल्माए जाते हैं।
बीते समय का इंगलिश हिन्दुस्तान
कुछ समय पूर्व जब हम वुडलैंड मार्ग पर भव्य हाउस की ओर जा रहे थे तो मेरा ध्यान बेसिलडन पार्क के ऐतिहासिक तथ्यों की ओर गया। लिखित प्रमाण के अनुसार शताब्दियों पूर्व 1311 ईस्वी से यतहां किसी भवन का होना निश्चित है जहां 17वीं शताब्दी में एक मैनर निर्मित किया गया। (जागीर, धरती से घिरा विशाल घर)। एक शताब्दी बाद ईस्ट इंडिया कम्पनी के फ्रांसिस सायइक ने भारत में बड़ी सम्पत्ति कमा कर इंगलैंड लौटने पर यहां विशाल गृह बनाने का निर्णय लिया जैसे कि उसक भारत से आए अन्य धनवान मित्र कर रहे थे : वारन हेसटिंगस एवं लार्ड क्लाव। तभी तो इंगलैंड के बर्कशायर क्षेत्र का निकनेम (अनाम) इंगलिश हिन्दुस्तान पड़ा। उसने 1771 में बेसिलडन भवन-भूमि खरीदी और यहां लालित्यपूर्ण विला निर्मित करवाया जहां वह अपने राजनीतिक लक्ष्यों को पाने के लिए उच्च पद के अधिकारियों एवं राज-परिवार के सदस्य या उनसे संबंधित व्यक्तियों को भोज आदि पर निमंत्रित कर उनका मनोरंजन करता था।
कुछ वर्षों बाद फ्रांसिस सायइक ने भारत में संदिग्ध कारोबार और संदेहपूर्ण ढंग से धनवान बनने की जांच-पड़ताल आरंभ हुई और अंत में उन्हें बेसिलडन पार्क घर बेचना पड़ा। 1838 में बृटेन की लिबरल पार्टी के सांसद जेम्स मौरिसन ने बेसिलडन पार्क को अपना घर बनाया जो उनका ‘स्वर्ण युग’ भी कहलाता है। फिर 1910 के बाद भवन 40 वर्षों तक वीरान पड़ा रहा और बेसिलडन पार्क का रख-रखाव तक कठिन हो गया। धीरे-धीरे उसके सामान और भागों को बेचा जाने लगा। आज भी न्यू पार्क सिटी के भव्य वालडार्फ एसटोरिया होटल का एक कक्ष बेसिलडन रूम कहलाता है जो इंगलैंड से लाए इस भवन के सामान से सजा है जिसमें प्लासटर वर्क भी सम्मिलित है।
1952 में शक्तिशाली समाचार पत्र पूंजीपति लार्ड एवं लेडी आइलिफ द्वितीय ने बेसिलडन पार्क हाउस को खरीदा एवं इसे इस निराशाजनक स्थिति से बचाया। बीते युग के पीरियड फरनीचर फर्निशिंग, पेंटिंग्स एवं पोरट्रेट्स से, कड़े परिश्रम से, घर की पुन:रचना की गई। कई बंद पड़े भवनों और महलों से यह सब सामान खरीदा गया और फिर से बेसिलडन पार्क हाउस लालित्यपूर्ण दिखने लगा जैसे कि हम आज उसे देख रहे थे।
बेसिलडन पार्क हाउस नोबल फ्लोर
बेसिलडन पार्क हाउस के रोचक इतिहास की बातचीत करते हुए वुडलैंड मार्ग का अंत हुआ और सामने गौरवमयी अति विशाल भवन दिखा जो तीन मंजिलों पर विस्तृत है और त्रिकोण विशाल पोर्टिको से विशाल सतम्भों ने टिकाया हो। ग्राउंड फ्लोर की आर्च के नीचे की कुछ सीढिय़ां चढ़ कर हम मुख्य घर ग्रेन्ड हॉल के सामने पहुंचे। भीतर जाने से पूर्व हमने बड़ी बालकोनी में पीछे मुड़ कर चारों दिशाओं में फैले पार्क और गार्डन की हरे क्ले सी हरियाली के विहंगम दृश्यों को कैमरे में कैद किया जो दूर प्राचीन नदी थेम्स की घाटी तक विस्तृत है।
नवीन क्लासिकल शैली में निर्मित ऐन्टरन्स हाल की दीवारों और छत पर सुंदर नक्काशी समान उत्तम प्लास्टर वर्क किया हुआ है और अधिकतर उत्तीर्ण फर्नीचर दीवारों के साथ-साथ लगा था, संभवत: बीते युग और अब के समय में, अधिक से अधिक आगंतुकों के लिए ऐसा अरेन्जमेंट किया गया होगा। हमें बताया गया कि प्रत्येक कक्ष में छोटे आकार का समाचार पत्र बेसिलडन पोस्ट रखा गया है जिस पर उस विशेश कमरे का इतिहास और संग्रहालय, फोटो के साथ, रोचक ढंग से छपा है ताकि पर्यटकों को सुविधा हो। बेसिलडन पार्क के अंतिम स्वामी लार्ड आइलिफ भी समाचार बिजनेस में थे, इसलिए यह उनकी याद को समर्पित है। बेसिलडन पोस्ट समाचार पत्र से पढ़ कर हमने एक-एक प्रदर्शन के विषय में जाना जो हमें अच्छा आइडिया लगा।
फिर एन्टरेन्स हॉल की वोलनटियर महिला ने हमें बताया कि भवन की पहली मंजिल के कमरे ऐन्टजरटेनमेन्ट रूमस (मनोरंजन कक्ष) हैं तो इस मंजिल को पियानो नोबाइल या नोबल फ्लोर भी पुकारा जाता है। (नोबल शब्द कुलीन वंश या कुलीन व्यक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है) अपने आसपास के सुंदर कमरे को देखते हुए मुझे ध्यान आया कि बेसिलडन पार्क हाउस विश्व प्रसिद्ध टी.वी. अंग्रेजी धारावाहिक डाउनटन एैबी के ग्रेनथम हाउस के रूप में दिखाए यह कमरे, आयुक्त चयन हैं क्योंकि सीरियल के लेखक ने भी उसका वर्णन ‘महल सा दिखने वाला भवनÓ किया है। धारावाहिक शूटिंग के विवाह-सीन में बेसिलडन पार्क हाउस के ऐन्टरेन्स हाल को बहुत बड़ी संख्या में सिल्क एवं अन्य फूलों से सजाया गया जो बहुत ही सुंदर दृश्य था।
बेसिलडन पार्क के ऐन्टरटेनमेन्ट रूमस
स्वर्ण लुक वाले गिलडिड द्वारों से होकर हम आकर्षक स्टेपकेस हाल में पहुंचे जो घर के केन्द्र में है। यह अति सुंदर सुनहरे फूलदार रेल वाला विशाल सीढिय़ां हैं-द ग्रेट स्टेपरकेस। हमने पढ़ा कि इस क्षेत्र को भी भव्य रूप दिया गया क्योंकि बड़ी पार्टी के समय इसे मुख्य ड्राइंग रूमस के भाग के रूप में प्रयोग किया जाता था। मैंने कल्पना की कि फैशनेबल कुलीन अतिथि एक दूसरे से मिल रहे हैं और पीछे के ऐन्टरेन्स हाल से लेकर आगे के ड्राइंग रूम तक आ-जा सकते हैं। यहां के विशेष प्रदर्शन हैं-पोरचुगल देश के कालीन एवं विशाल कांच शट आइरन का झूमर।
फिर हमने अष्ठ भुज आकृति के ड्राइंग रूम में प्रवेश किया। वह भी नवीन क्लासिकल शैली से सुसस्जिजत है और उसकी लुभावनी मैरून फेल्ट की दीवारें हैं। स्वर्ण-श्वेत छत पर जगमगाता कृसटल का विशाल झूमर है और बड़ी कांच की खिड़कियों से पाकलैंड का विहंगम दृश्य दिखता है। हमें वोलनटियर महिला ने बताया कि इस कक्ष में डाउनटाउन एैबी धारावाहिक के अनेक महत्वपूर्ण सीन की शूटिंग की गई थी।
उसने हमें एक एलबम दिखाया जिसमें शूटिंग सीन्स के फोटो थे जो बेहद रोचक जानकारी थी। उसने बताया कि विवाह दृश्यों की शूटिंग के पश्चात् कई सौ फूल बेसिलडन पार्क हाउस के कक्षों की वोलंटियर महिलाओं को अपने-अपने घर ले जाने के लिए दे दिए गए। वह दिन वोलंटियर महिलाओं के लिए बड़ी प्रसन्नता का दिन था जब मूल्यवान फूलों से उन्होंने अपने घरों को सजाया।
इसके बाद हम साथ वाले कक्ष ग्रीन ड्राइंग रूम में गए जिसकी दीवारें हल्की हरी सिल्क से बनी हैं। वोलंटियर महिला ने बताया कि 20वीं शताब्दी के बेसिलडन पार्क हाउस की स्वामिनी लेडी आईलिफ एक बेहतरीन सीमस्ट्रैस थी जिन्होंने स्वयं पुराने मूल्यवान परदों से सृजनात्मक ढंग से दीवारों का हरा फैबरिक तैयार किया। यहां पर लगा संगमरमर का फायर प्लेस (अंगीठी) मूल मध्य कालीन समय का था।
डाईनिंग रूम से बॉलरूम तक
फिर हमने लालित्यपूर्ण जियोमेट्रिकल पैनलस से सजी छत वाले डाईनिंग रूम में प्रवेश किया जिसकी दीवारों पर पारंपरिक फ्रेंच, सलेटी शिल्प चित्रकला ग्रीमेल से उत्तम स्तरीय सजाटवट की गई थी। इस कमरे के सुंदर नक्काशी वाले शीशे, छत एवं अन्य सज्जा का मूल्यवान सामान न्यू पार्क के वालडार्फ एसटोरिया होटल के बेसिलडन रूम में आज भी सजा है। इस कमरे को पुन:रचित किया गया है ताकि यह पूर्णत: पुराने समय के कक्ष सा दिखे। डाईनिंग टेबल पर सजी क्रॉकरी को देख कर मैंने कल्पना की कि बड़ी टेबल के चारों ओर अतिथि बैठे हैं। 1765-70 के बीच फ्रांसिस-सायइक के मेहमानों के लिए युग की क्रॉकरी से भोजन परोसा जाता होगा। फिर अगली शताब्दी में मौरिसन परिवार की और 2 0वीं शताब्दी में लार्ड लेडी आइलिफ का भोज यहां आयोजित होता होगा। इन सब शताब्दियों की डिनर क्रॉकरी वहां सजी है।
लाइब्रेरी पुस्तकालय
इसके पश्चात् हम सर फ्रांसिस सायइक के पुसक्तकालय में गए जो उस समय में उनकी स्टडी (कार्यालय) के साथ बनाया गया था जहां वह अपनी निजी सीढिय़ों का उपयोग कर दूसरी मंजिल के शयन कक्ष से नीचे आ सकते थे। वहां रखी बेसिलडन पोस्ट के अनुसार लाइब्रेरी को घर का ‘मर्दाना भाग’ मैसकुलीन साइड भी कहा जाता था। जब बेसिलडन पार्क हाउस में अतिथि आते थे तो महिलाएं ऐन्टरेन्स हॉल में प्रतीक्षा करती थीं जहां हम घर के टूर में सर्वप्रथम गए थे और पुरुष यहां पुस्तकालय में बैठाए जाते थे। टी.वी. धारावाहिक डाउनटन एैबी में लाइब्रेरी को लार्ड ग्रेनथेम की स्टडी दिखाया गया है।
दूसरी मंजिल : प्राकृतिक दृश्य कक्ष
तब हम वापिस ऊंची छत वाले हॉल में लौटे जहां सुंदर ग्रेड स्टेयरकेस है जिस पर से होकर हम अनेक शानदार इंटीरियर वाले बैडरूमस के टूर पर गए। इसमें अनोके नालों वाले लेडी आईलिफ का बैडरूम, कृमसन बैडरूम, शैल बैडरूम, बैम्बू बैडरूम, ग्रीन चिन्स बैडरूम और अन्य सम्मिलित हैं।
कृमसन या गहरा मैहरून कमरा अति सुंदर है और उसका सभी मैचिंग सामान मूलरूप से इंगलैंड के तीसरे डार्ल ऑफ एशबरनम (विशिष्ट पदवी) के लिए बनाया गया था पर 1959 में लेडी आइलिफ ने उसे ऑक्शन में खरीदा और यतह कमरा सजाया गया। फर्श पर हाथ से बना कालीन ध्यानाकर्षित करता है जो स्वयं लेडी आईलिफ ने निपुणता से बनाया। उस पर बेसिलडन पार्क के फूल-पौधे एवं पक्षियों की कढाई की थी। इसके अतिरिक्त वहां पड़े बेसिलडन पोस्ट में हमने पढ़ा कि सर फ्रांसिस के समय में इस कक्ष: की दी वारों पर भारत से लाया इंडिया पेपर लगा था जो बाद में नष्ट हो गया।
इसके बाद हम बांस के सामान से निर्मित बैम्बू रूम में गए जहां पर पलंग एवं फर्नीचर पूर्वी-एशिया शैली के तो हैं पर न पूर्णत: उत्तर पूर्वी भारतीय, न चीनी, न जापनी शैली का है-सभी शैलियों का मेल-जोल है। बाहर के पैसेज में एक उल्लेखनीय प्रदर्शन है-भारत के कोरोमंडल तट की विशेष लकड़ी के विशिष्ट पुस्तक कैबिनेट अलमारियां जैसा नाम है वैसा ही शैल रूम है। अनोखे, बड़े-छोटे कई सौ शंख कमरे में सजे हैं। लेडी आईलिफ का अपना शंख संग्रह था और अन्य शंख उन्होंने खरीदे, फिर इस कमरे की रचना की गई।
अंत में हमने लेडी आईलिफ के हल्के गुलाबी पिंक बैडरूम में प्रवेश किया जो किसी भी स्त्री का स्वप्न हो सकता है। एक ओर ऊंची आर्च के भीतर फूलदार बिस्तर सुसस्जित हैं मानों वहां अभी किसी ने आना हो। एक-एक वस्तु विशिष्ट है। साथ में उनका बहुत बड़ा बाथरूम है जो पूर्व शताब्दी में बैडरूम रहा था।
प्रत्येक कक्ष से विहंगम प्राकृतिक दृश्य देखकर हम नीचे आ गए।
नोबाब स्टाइल भारतीय घर
फिर हम टी-रूम (चाय कक्ष) में गए जिसकी दीवारों पर श्वेत-काले रेखा चित्रों का संग्रह है जो 12 नोबाब स्टाइल इंडियन होमस के स्केच हैं जो इंगलैंड में ईस्ट इंडिया कंपनी या अन्य भारत से लौटे अंग्रेजों द्वारा पूर्व समय में बनाए गए हैं। ये सभी आलीशान भवन नवाबों के घर से दिखते हैं। बड़ी कांच की खिड़कियों के बाहर चारों ओर हरियाली फैली थी। स्टाफ ने हमें बताया कि धारावाहिक डाउनटन एैबी की आउटडोर शूटिंग बाहर के पार्क में की जाती है। बीच वृक्ष, चेसनट वृक्ष एवं लाइम वृक्षों के नीचे एकटरस-कलाकारों की पारम्परिक हरी कुर्सियां बिछी हैं जहां वे विश्राम करते थे। टी-रूम से हम इन आरामदायक कुर्सियों पर विश्राम करने गए जहां पुन: ध्यान बेसिलडन पार्क हाउस की रोलर कोस्टर उतार-चढ़ाव से परिपूर्ण ऐतिहासिक यात्रा पर गया जो लगभग ईस्ट-इंडिया कम्पनी के यतुग से आरंभ होकर एक पर्यटन हाउस तक पहुंची है जो आज तक शूटिंग स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध हो चुका है।
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